Divorce
Updated: Oct 8, 2020
ना तुम गलत थी
ना मैं गलत था
कुसूर तो सारा उस वक़्त का था
वो पुरा समां ही बेवक़्त था
तोड़ दिये हमने वो वादे
वो कस्में जो सात जन्मो की थी
साथ निभाना था हमे
पर तलाक का कागज़ हाथ में था
क्यु आवेश मैं थे हम
क्यु हमारा भविष्य हमसे सोचा ना गया
क्यु आज वो बच्चा अपने माँ बाप के लिये तरसता रहा
क्यु आज हमारा प्यार फिखा सा था
क्यु वो कागज़ का टुकडा आज दीवार सा था
हमारा साथ क्यु आज यही तक था
गलती मेरी भी थी
तो थोडी शायद तुम्हारी भी थी
फिर क्यु आज वो तलाक का कागज़ हमारे हाथ में था
क्यूँ आज वो तलाक का कागज़ हमारे हाथ मैं था ।।
- by Vishvadeep Jain