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क्यों

Updated: Oct 8, 2020

क्यों आज हर लड़की डरी सहमी सी हैं,

क्यों आज हर एक लड़का शममसार हैं,

क्यों नही आज वो आज़ाद हैं,

क्यों कैद उसका आज सारा संसार हैं,

क्यों खुली हवा उसके ललए श्राप हैं,

क्यों आज वो बली चड़ रही हवस के हाथो से ,

क्यों आज बबक रहा उसका जजस्म हैं,

क्यों कैद वो आज इन समाज की बेडडयों से,

क्यों आज इज्जत नही उसकी इस संसार मैं,

क्यों आज हर बेटी को घर स्वीकार हैं,

क्यों आज तेरी मााँ का दुध तार तार हैं,

आज वो शांत हैं,

क्योंकक आज उसके बाबा की इज्जत दांव पे हैं,

आज वो शांत हैं ककन्तु याद रखना वो ही मााँ काली का अवतार हैं,

क्रोध उसका इस संसार से भी अपार हैं,

पर आज वो मन से हताश हैं।।


- VISHVADEEP JAIN

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